प्रेगनेंसी और उसके बाद में कमर दर्द से कैसे बचे?

डिलीवरी के बाद कमर दर्द

लगभग दूसरी तिमाही से ही कमर में दर्द होना शुरू हो जाता है। और यह बहूत परेशान करने वाली बात होती है। कई औरतों को तो यह दर्द डिलीवरी के बाद तक भी बना रहता है। प्रेगनेंसी के इस समय में औरतों को move करने और करवट लेनें में भी दिक्कत हो सकती है।
प्रेगनेंसी के समय body कुछ ऐसे हॉर्मोन्स release करता है जो muscles को loos बना देता है। बॉडी relaxin हॉर्मोन release करता है जिसके कारण relaxity आती है और कमर में दर्द होने लगता है।
एक तो बॉडी हॉर्मोन्स रिलीस करती है और साथ ही बच्चे का वजन बढ़ रहा होता है। जिसकी वजह से कमर दर्द होता है।

प्रेगनेंसी और उसके बाद में कमर दर्द से कैसे बचे?

1) calcium और vitamin-D की deficiency के कारण भी कमर दर्द हो सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह से calcium और vit-D के tablet ले सकते है।
2) सोते समय करवट लेकर सोये। हो सके तो left side में करवट लेकर सोये इससे कमर दर्द से भी बचा जा सकता है साथ ही बच्चे को अच्छी मात्र में blood मिलेगा।
3) posture:- 
अपने उठने, बैठने, खड़ा होने, दूध पिलाने का posture सही रखे। दूध पिलाते समय बच्चे के ऊपर न झुके इससे कमर में दर्द हो सकता है। high heels से दुरी बना कर रखे। टाँगे लटकाकर न बैठे।
4) सेक:-
यदि दर्द हो रहा है तो गर्म पानी की बोतल से सेक क्र सकते है। या market में उपलब्ध कोई अच्छी सी सेक की दवाई जैसे moov, omnygel की हल्के हाथ से मालिश करके कोई मोटा कपड़ा ढ़क ले।
5) योगा:-

Physiotherpist या योगा instructer जो प्रेगनेंसी के बारे में जनता हो उससे आप exercise सीख कर। exercise कर सकती है।
6) डिलिवरी के एक दम बाद भरी वजन न उठाये। यदि आपकी नार्मल डिलीवरी है तो 6 हफ्ते तक बजन न उठाये। यदि डिलिवरी c-section से है तो 6 महीने तक वजन न उठाये।
7) pregnancy में जो वजन बढ़ा है उसे पहले जितना लेकर आने की कोशिश करे।
8) हल्के हाथ से तेल की मालिश भी करवा सकते है।

9) almond 100 gm, walnuts 100 gm, pinus gerardiana 50 gm
लेकर तीनो का powder बना कर सुबह-शाम 1-1 चम्मच दूध के साथ ले।
10) डिलीवरी के 6 महीने बाद तक डॉक्टर की सलाह से calcium के tablet ले, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, carrot, मखाना, rest करे, 6 घण्टे की नींद जरूर ले।

इन सब टिप्स को अपना कर आप अपने कमर में होने वाले दर्द से बच सकती है।

यदि डिलीवरी के 6 महीने हो गए है किसी भी चीज से आराम नही आ रहा है। सर दर्द होता है तो अपने डॉक्टर से जरूर मिले।

डिलीवरी के बाद पेट को कम करने के 7 असरदार तरीके



अकसर देखा जाता है की महिलाएं में pregnancy के समय 8-12 kg तक वजन बढ़ जाता है। अगर पहले से ही माँ का वजन अधिक है तो वह इससे ज्यादा वजन भी बढ़ा लेती है। माता के शरीर पर डिलीवरी के बाद पेट पर ज्यादा चर्बी देखने को मिलती है। क्योकि pregnancy के समय उसका गर्भाश्य बढ़ जाता है। और उसे वापिस अपनी जगह पर आने में समय और मेहनत लगती है।
अगर डिलिवरी के बाद हम खाने-पिने का ध्यान रखेंगे तो हम जल्द ही बढ़े हुए वजन और पेट को कम कर सकते है।
इस लेख में हम डिलिवरी के बाद बढ़े हुए वजन और पेट को कम करने के 7 आसान और असरदार तरीके बताएंगे:-
1) स्तनपान:-

डिलीवरी के बाद सबसे असरदार तरीका है स्तनपान। डिलीवरी के 6 से 8 हफ्ते बाद माँ की बच्चादानी सिकुडनी शुरू हो जाती है और स्तनपान करने से इसमें मदद मिलती है। स्तनपान करने से एक दिन में लगभग 800 कैलोरी burn होती है। जो की वजन कम करने के लोए बहूत अच्छा है। डिलिवरी के बाद जल्द ही स्तनपान करना शुरू कर देना चाहिए।
2) खाने में बदलाव(diet):-

डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए/Delivery ke baad kya khana chahiye

                                              
हर कोई चाहता है की उनका बच्चा हस्ट्-पुस्ट् पैदा हो। उसके लिए बच्चा पैदा होने से पहले सब घरवाले माता के खाने-पिने और उसकी सब तरह से सेवा करते है। जिससे बच्चा स्वस्थ पैदा हो। लेकिन delivery के बाद वो माता का इतने अच्छे के ख्याल नही रख पाते और न ही माँ अपना ख्याल रख पाती है। लेकिन यह सही नही है। डिलीवरी के लगभग महीने बाद तक माता को अपना बहूत अच्छे के ख्याल रखना होता है नही तो कुछ समय बाद माँ के शरीर को बहूत बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। डिलीवरी के बाद भी माताओं को अपने खाने पिने का उतना ही ध्यान रखना होता है जितना की पहले।

नई बनी माँ को अपने खाने में क्या लेना चाहिये:-


बच्चे का गर्भ में समय

-बच्चा लगभग 38 सप्ताह के लिए माँ के पेट में रहता है। अनुमानित गर्भावस्था 40 सप्ताह या 9 महीने की मानी जाती है।

-प्रेगनेंसी को माता के अंतिम मासिक धर्म की पहली तिथि के माना जाता है। जबकि गर्भ धारण मासिक धर्म के 2 सप्ताह के बाद तक होता है।
-कुछ महिलाओं की अनियमित मासिक चक्र के कारण estimated due date(EDD) 37 से 42 सप्ताह की भी हो सकती है।
बच्चे का गर्भ में समय(length of gestation)

पेट में बच्चे के वजन


                                                    

हर एक औरत जो माँ बनने वाली है उसमे यह जानने की उत्सुकता लगी रहती है की उसके बच्चे का वजन कितना है लम्बाई कितनी है। बच्चा कैसे grow कर रहा है।
हम सब जानते है बच्चा 9 महीने तक पेट में रहता है। 9 महीने first, second और third तीन
trimester
में बटाँ होता है।
पहला, दूसरा और तीसरा महीना first trimester में आता है। चौथा, पाँचवा और छटा महीना second trimester में आता है। सातवाँ, आठवां और नवा महीना third trimester में आता है।
इन तीनों trimester में बच्चे का वजन और लंबाई:-