भगवान ने किसी भी शख्स को सबसे बड़ा और नायाब तोहफा जो दिया है वो है - 'मां'।
माँ वो होती है जो अपने बच्चे की परवरिश में वह सब कुछ भुला देती है ।अपने जीवन में दुसरो से ज्यादा वो अपने बच्चों का ध्यान रखती है। अपने जीवन में वो हमे पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है।
अगर आप पहली बार माँ बनने जा रही है तो आप आप मे बच्चे की देखभाल के बारे में चिंतित रहती होंगी । आपको बच्चे की देखभाल कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है।
1) साफ-सफाई का ध्यान
2) भूख का ध्यान
3) भरपूर नींद
4) कपड़े
5) स्किन केयर
6) नाखून
1) साफ़ -सफाई का ध्यान(cleaning):-2) भूख का ध्यान
3) भरपूर नींद
4) कपड़े
5) स्किन केयर
6) नाखून
आपको अपने बच्चे क आस-पास सफाई का कुछ खास ध्यान देना चाहिए। जब बच्चा छोटा होता है उस समय उसके शरीर में बीमारियों से लड़ने की इतनी शक्ति नही होती है। कीटाणु उसके शरीर को जल्दी बीमार कर देते है। बच्चे के शरीर और जहां वो रहता है वह की अच्छे से सफाई रहनी चाहिये। गन्दे माहोल में बच्चा जल्दी बीमार पड जाता है। इस लापरवाही की वजह से हमे पछतना पड़ सकता है।
2) भूख का ध्यान( baby feeding):-
छोटा बच्चा सिर्फ दूध पीता है वह बड़ों की तरह अनाज नही खाता । इसलिए उसे भूख जल्दी लगती है। सिर्फ पेय पिने से वह जल्दी पेशाब करता है जिसकी वजह से उसे जल्दी भूख लगती है। 6 महीने तक के बच्चे को 2 घंटे में दूध ज़रूर मिलना चाहिए। यदि बच्चा उठा है तब उसे जल्दी भूख लगती है। यदि बच्चा ज्यादा देर से सो रहा है तब उसे उठाकर दूध पिलाना चाहिए।
बच्चे के लिये उसकी माँ का दूध सबसे अच्छा रहता है। जहा तक आपसे हो सके आपको उसे माँ का दूध ही पिलाना चाहिए।
3) भरपूर नींद:-
बच्चे की growth के लिए बच्चे का सोना बहुत जरूरी होता है। आपको यह ध्यान में देना चाहिए की वह ठीक से पूरी नींद लेता है या नही। यदि बच्चा नींद पूरी नही करता है तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है नींद पूरी न होने की वजह से उसकी growth पर भी असर पड सकता है। इसलिए आप उसकी नींद का भी खास ध्यान रखे।
4) कपड़े:-बच्चे की growth के लिए बच्चे का सोना बहुत जरूरी होता है। आपको यह ध्यान में देना चाहिए की वह ठीक से पूरी नींद लेता है या नही। यदि बच्चा नींद पूरी नही करता है तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है नींद पूरी न होने की वजह से उसकी growth पर भी असर पड सकता है। इसलिए आप उसकी नींद का भी खास ध्यान रखे।
आप अपने बच्चे को मौसम के हिसाब से कपड़े पहनाये। गर्मियों में उसे सुते कपड़े पहनाये। गर्मियों में उसे अधिक कपड़े न पहनाये। सर्दियो में बच्चे को ऊनी कपड़े पहनाये।
बच्चे को ज्यादा tight कपड़े नही पहनने चाहिए । ऐसे कपड़ों में वह तंग हो सकता है।
छोटे बच्चे के कपड़े दुसरो के कपड़ों से अलग धोने चाहिए। इससे infection होने का खतरा कम रहेगा।
5) स्किन केयर(skin care):-
बच्चे की स्किन का ध्यान रखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है । बच्चे की स्किन बहुत sensitive होती है। ज्यादा धुप में बच्चे की स्कीन जलने लगती है। उसे ज्यादा धुप में नही ले जाना चाहिए। बच्चों की स्किन पर ऐसे ही कोई भी product का इस्तेमाल नही करना चाहिए। इनके लिए बेबी product रखने चाहिए या बच्चों के डॉक्टर से पूछ कर इनके लिए बेबी product खरीदने चाहिए जो की बच्चे की स्किन के लिए suitable हो।
6) नाखून:-बच्चे की स्किन का ध्यान रखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है । बच्चे की स्किन बहुत sensitive होती है। ज्यादा धुप में बच्चे की स्कीन जलने लगती है। उसे ज्यादा धुप में नही ले जाना चाहिए। बच्चों की स्किन पर ऐसे ही कोई भी product का इस्तेमाल नही करना चाहिए। इनके लिए बेबी product रखने चाहिए या बच्चों के डॉक्टर से पूछ कर इनके लिए बेबी product खरीदने चाहिए जो की बच्चे की स्किन के लिए suitable हो।
बच्चों के नाख़ून बहुत जल्दी बढ़ते है। इनके नाख़ून भी जल्दी-जल्दी काटते रहना चाहिए। छोटे बच्चों के नाखून जब वे सोये हुए होते है उस समय काटने चाहिए। यदि जागते हुए बच्चे क नाख़ून काटोगे तो बच्चे की ऊँगली कटने का खतरा होता है।
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