नवजात शिशु की त्वचा बहुत नाजुक और पतली होती है।बच्चे की त्वचा को विशेष् देखभाल की जरूरत होती है। माता-पिता बच्चे की त्वचा पर कुछ देखते है जैसे लाल चक्के, घमोरियां,रूखी तो परेशान होने लगते है।
बच्चे का पलना/ cradle cap:-
यह ज्यादातर 1 साल तक के बच्चों में पाया जाता है।यह दिखने में लाल या पीली मोटी त्वचा होती है।इसको आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसा माना गया है की यह
-सफाई की कमी
-जन्म के समय हार्मोन ट्रांसफर
-रूखी त्वचा से होती है
लेकिन इसके लिए ज्यादा परेशान होनी की जरूरत नही है। यह अपने आप साफ़ हो जाती है। यदि कुछ सप्ताह में भी यही ठीक न हो तब विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
बच्चे की रूखी/फटी त्वचा:-
जन्म के समय बच्चे की रूखी त्वचा होती है। यह कोहनी, घुटने ,हाथो पर ज्यादा देखने को मिलती है।
बच्चे की रूखी त्वचा को ठीक रखने के कुछ टिप्स-
1) बच्चे को सप्ताह में 3-4 बार ही नहलाये।
2) नहलाने का समय 10 मिनट से ऊपर न रखे।
3) नहलाने के बाद बच्चे को थोड़े से कच्चे दूध में नहलाये।
4) ज्यादा साबुन का इस्तेमाल न करे।
5) बेबी लोशन का इस्तेमाल करे।
6) बच्चे को सूती कपड़े पहनाये।
धुप के स्किन लाल होना/sunburn:-
बच्चों के लिए कोई भी sunscream नही रिकमेंड की जाती। यदि आप बच्चे को लेकर धुप में निकलते है तो छाता लेकर निकलिए या बच्चे को कैप पहना कर बाहर जाये।
बच्चे चेहरे पर दाने:-
सफाई की कमी, हार्मोन बदलने , पसीना आने ,कब्ज की वजह से हो सकते है। कुछ बातो का ध्यान रख कर इनसे निजात पाया जा सकता है। जैसे साफ सफाई का ध्यान रखे, बच्चे को अधिक पसीना न आने दे, बच्चे और माँ के खान पान में बदलाव करके। आप नारियल और बादाम के तेल से बच्चे के चेहरे की मालिश कर सकती है। मालिश करके चेहरा धो दे। जिससे आयल निकल जायेगा।
घमोरियां:-
पसीना आने से स्किन के पोर्स बन्द हो जाते ह जिसकी वजह से घमोरियां होने लगता है। इससे निजात पाने के लिए बच्चे को खुले कपड़े पहनाये। अलोवेरा भी लगा सकते है। पाउडर का इस्तेमाल न करे ये त्वचा के पोर्स को और बन्द कर देगा। बच्चे को ड्राई रखे। ऐसा करने से 3-4 दिन में घमोरियां अपने आप ठीक हो जायेगा। यदि सारी कोशिशों के बाद भी घमोरिया ठीक नही हो रहा है तब आप डॉक्टर को दिखाए। बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी लोशन न लगाये।
बच्चे के कपड़े कैसे धोये:-
बच्चे की स्किन खुशबू वाले डिटर्जेंट के लिए बहूत सेंसटिव होती है। उनके कपडे कठोर डिटर्जेंट में न धोकर माइल्ड डिटर्जेंट में धोये।
पीली त्वचा:-
नवजात शिशू में पीलिये(jaundic) का खतरा अधिक होता है। बच्चे को पीलिये से बचाये रखने के लिये उसे सुबह की निकलती धुप में 10 मिनट के लिए जरूर ले जाये। और शाम को ढलते सूरज की किरणों में भी जरूर ले जाये। यदि फिर भी आपको बच्चे की स्किन पीली दिखती है तो डॉक्टर को दिखने में देरी न करे।
मालिश:-
बच्चे को सुबह नहलाने से पहले तेल से मालिश जरूर करे। यह सिर्फ स्किन के लिए ही नही बल्कि और भी मालिश से बच्चे को बहूत सारे फायदे होते है।
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